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सड़कें बनी नाले, ग्रामीणों का निकलना हुआ दूभर, प्रधान के विकास पर उठे सवाल
मैनाठेर। गांव बरेठा खिजरपुर की हालत बद से बदतर हो चुकी है। यहां की सड़कें अब नाले का रूप ले चुकी हैं। जगह-जगह जमा कीचड़ और गंदगी ने लोगों का घर से निकलना मुश्किल कर दिया है। सड़क के किनारे रहने वाले ग्रामीणों का कहना है कि दरवाजे खोलते ही कीचड़ और दुर्गंध उनका स्वागत करती है। हालात इतने खराब हैं कि सड़क और नाले का फर्क ही मिट गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान के कार्यकाल में विकास सिर्फ बातों में हुआ, ज़मीन पर नहीं। नालों की सफाई महीनों से नहीं हुई, सड़कें टूटी पड़ी हैं और सफाई कर्मी महीनों से गांव में नजर नहीं आए।
ग्रामीणों ने रविवार को जमकर विरोध जताया। उनका कहना है कि गांव में साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है। लोग बच्चों और बुजुर्गों को लेकर बाहर निकलने से डर रहे हैं। एक ग्रामीण ने तंज कसते हुए कहा — “प्रधान का विकास तो बस तस्वीरों में दिखता है, हकीकत में तो गांव डूबा पड़ा है।”गुस्साए ग्रामीणों ने साफ कहा कि अगर हालात नहीं सुधरे तो आने वाले प्रधानी चुनाव में अबकी बार नया प्रधान चुनेंगे।
