दो साल बाद सियासी जमावड़ा — अखिलेश पहुँचे रामपुर, आज़म से हुई लंबी बात… अंदर क्या चला?

रामपुर में आज सियासत का बड़ा सीन देखने को मिला।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव आज बुधवार को रामपुर पहुँचे… और सीधे पहुँचे अपने पुराने सिपहसालार आज़म ख़ान के घर।
अब ज़रा सोचिए, दो साल से दोनों में कोई मुलाकात नहीं… और फिर एक दिन अचानक, हेलीकॉप्टर से उतरते हैं अखिलेश — और सामने इंतज़ार कर रहे होते हैं आज़म ख़ान।

तो भाई, सियासी कैमरे ऑन हो गए।

अखिलेश लखनऊ से निकले निजी विमान से बरेली तक, और फिर हेलीकॉप्टर से रामपुर। वजह?
प्रशासन ने सड़क मार्ग से आने की अनुमति नहीं दी।
अब जब नेता जी हेलिकॉप्टर से उतर रहे थे, तब यूनिवर्सिटी के मैदान में तैयार खड़े थे आज़म ख़ान — अपने अंदाज़ में, मुस्कुराते हुए।

दोनों मिले, गले लगे, फिर एक ही गाड़ी में बैठे… और पहुँचे आज़म के घर।
वहाँ आज़म ख़ान ने हाथ पकड़कर अखिलेश को अंदर ले गए।
सीन पूरा ‘पुराने साथी मिले’ वाला था — लेकिन कैमरों की नज़र में ये मुलाकात सिर्फ दोस्ताना नहीं, सियासी थी।

अब सुनिए दिलचस्प बात —
आज़म ख़ान ने पहले ही कह दिया था कि वो सिर्फ अखिलेश से ही मिलेंगे, किसी और से नहीं।
इसलिए रामपुर के सांसद मोहिबुल्ला नदवी बरेली एयरपोर्ट पर ही रह गए।
साफ़ है, आज की मुलाकात सिर्फ ‘आमने-सामने बात’ वाली थी, बीच में कोई नहीं।

अब बड़ा सवाल — क्या ये मुलाकात सपा की सियासत में नई जान फूँकने की कोशिश है?
क्योंकि पिछले कुछ वक्त से पार्टी के भीतर खामोशी थी…
और आज़म ख़ान, जो कभी सपा का सबसे मज़बूत चेहरा थे, वो चुप्पी साधे हुए थे।

लेकिन आज की ये तस्वीरें…
अखिलेश-आज़म के साथ मुस्कुराते चेहरे…
इनसे मैसेज साफ़ गया है —
‘समाजवादी कुनबा फिर से एक होने की कोशिश में है।’

आख़िर में
रामपुर की हवा में आज सियासत की गंध कुछ अलग थी।
हेलिकॉप्टर उतरा, हाथ मिले, बातें हुईं…
अब सबकी नज़र इस पर है कि
ये मुलाकात सियासी आगाज़ है या बस एक औपचारिक आलिंगन?,

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